दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं कॉमर्स सब्जेक्ट (commerce subject) के बारे में। अक्सर दसवीं के बाद स्टूडेंट्स इस समस्या में पड़ जाते हैं कि उन्हें साइंस, कॉमर्स या आर्ट्स में से आखिर कौन सा सब्जेक्ट सिलेक्ट करना चाहिए।
किसी सब्जेक्ट का चुनाव करते समय हमें इस बात का ध्यान रखना जरूरी है की हमें करियर में आगे करना क्या है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए अगर आप कॉमर्स सब्जेक्ट (commerce subject) में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कॉमर्स सब्जेक्ट को जानना बेहद जरूरी है।
अगर आप भी कॉमर्स (commerce) में एडमिशन लेना चाहते हैं लेकिन अब भी किसी तरह की confusion में हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कॉमर्स फील्ड में आप काफी अच्छा करियर (career) बना सकते हैं। कॉमर्स स्ट्रीम (commerce stream) से पढ़ाई करने के बाद आपको काफी अच्छे करियर ऑप्शन (career options) मिलते है।
आज इस पोस्ट में हम आपके उन सभी सवालों का जवाब देने वाले हैं जो किसी भी छात्र के मन में कॉमर्स सब्जेक्ट (commerce subject) लेने से पहले आता है जैसे कि कॉमर्स क्या है, कॉमर्स में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं, कॉमर्स में कितने सब्जेक्ट होते हैं, कॉमर्स से क्या बन सकते है, कॉमर्स सब्जेक्ट में क्या क्या आता है, कॉमर्स के बाद करियर ऑप्शन, इत्यादि।
अगर आपके मन में भी ये सवाल आ रहे हैं और आप कॉमर्स सब्जेक्ट (commerce subject) से संब्धित पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें। आइए जानते हैं कॉमर्स सब्जेक्ट (commerce subject) को विस्तार से।
कॉमर्स क्या होता है (what is commerce)?
कॉमर्स (commerce) एक बिजनेस ब्रांच (business branch) है जिसे वाणिज्य भी कहा जाता है। यह एक एजुकेशन फील्ड है जिसमे छात्र बिजनेस और मैनेजमेंट से जुड़ी जानकारी प्राप्त करते हैं और अपना career बनाना चाहते है।
कॉमर्स फील्ड (वाणिज्य) के अंतर्गत किसी वस्तू या उत्पाद या सर्विस का दो से अधिक व्यक्ति या संस्था के बीच धन के बदले आदान-प्रदान किया जाता है। एक बार किए गए आदान-प्रदान को कॉमर्स नहीं कहा जा सकता, इसके लिए इस कार्य का नियमित रूप से होना जरूरी है।
कॉमर्स सब्जेक्ट (commerce subject) में जो सबसे पहले आपको जानने को मिलता है वो है बिज़नेस (business) के बारे में। कॉमर्स (commerce) से आपको बिज़नेस (business) शुरू करने से लेकर उसे profitable बनाने तक की पूरी जानकारी मिलती है।
इसके साथ ही इसमें accounting और economy के बारे में भी जानने को मिलता है। कॉमर्स stream को आप तभी चुनें जब आपकी रुचि बिज़नेस में हो।
वैसे बात की जाए अगर तो कॉमर्स सब्जेक्ट थोड़ा कठिन होता है क्योंकि यह काफी टेक्निकल सब्जेक्ट है और इंटर डिपेंडेंट होता है। अगर कोई अकाउंट सब्जेक्ट को अच्छे से नहीं सीखता है तो उसे टैक्सेशन अच्छे से समझ नहीं आती और इसकी वजह से कॉस्ट अकाउंटिंग (cost accounting) अच्छे से नहीं सीख सकते। इसलिए सब्जेक्ट इंटर डिपेंडेंट होने के कारण अगर आप कोई एक सब्जेक्ट भी ध्यान नहीं दे पाए तो बाकी सारे सब्जेक्ट भी अच्छे से सीख पाना मुश्किल है।
कॉमर्स सब्जेक्ट में क्या-क्या आता है?
दोस्तों, अब हम आपको बताने वाले हैं कि कॉमर्स सब्जेक्ट में क्या क्या आता है, कॉमर्स के मुख्य विषय कौन-कौन से हैं, कॉमर्स के सब्जेक्ट के नाम क्या क्या है, कॉमर्स में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं, इत्यादि।
हालांकि, 11th और 12th में कामर्स stream में मुख्यतः 5 सब्जेक्ट्स होते हैं जिनमें से 4 मुख्य विषय (compulsory subjects) और एक वैकल्पिक विषय (Optional subject) होता है।
अगर बात करें Optional Subject की तो इसकी choice उस स्कूल पर निर्भर करती है जहां आप ऐडमिशन ले रहे हैं। इसका मतलब यह है कि अलग-अलग स्कूलों में एक ही Optional Subject हो ये जरूरी नहीं, ये अलग-अलग भी हो सकते हैं।
इतना ही नहीं, कुछ स्कूलों में तो कामर्स stream में 6 सब्जेक्ट्स भी होते हैं जिनमें से 4 मुख्य विषय (compulsory subjects), 1 वैकल्पिक विषय (Optional subject) और 1 additional subject भी होता है।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको आगे 11th में कॉमर्स में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं और 12th में कॉमर्स में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं इसके बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।
Compulsory Subjects In Commerce/ कॉमर्स के मुख्य विषय
सबसे पहले आज हम जानेंगे कॉमर्स के मुख्य सब्जेक्ट्स के बारे में। कॉमर्स के मुख्य विषय (compulsory subjects) कुछ इस प्रकार है-
- अकाउंटेंसी [ Accountancy ]
- बिजनेस स्टडीज [ Business Studies ]
- अर्थशास्त्र [ Economics ]
- इंग्लिश [ English ]
अकाउंटेंसी (Accountancy)
अकाउंटेंसी का मतलब होता है लेखांकन जिसमे आपको अकाउंट से जुड़ी जानकारी दी जाती है। किसी भी व्यापार में हो रहे लाभ-हानि या उसके आर्थिक स्थिति (economic condition) को अगर निकलना हो तो इसके लिए accountancy का आना अनिवार्य है।
अगर एक व्यक्ति किसी प्रकार का व्यापार का काम कर रहा है और वह जानना चाहे की उसकी अब तक की प्रॉफिट कितनी है और कहां पर कितना नुकसान हुआ इन सबकी पूरी जानकारी रखना accountancy में बताया जाता है।
अगर accountancy सब्जेक्ट को अच्छे से सीखा जाए तो किसी भी सेक्टर में अकाउंटेंट की जॉब मिल सकती है। किसी व्यापार को आगे बढ़ाने में एक अकाउंटेंट ही मदद करता है क्योंकि उसके पास उस बिजनेस से जुड़े प्रॉफिट और लॉस की पूरी जानकारी मौजूद होती है।
बिजनेस स्टडीज (Business Study)
बिजनेस स्टडीज में आपको बिजनेस से रिलेटेड पूरी जानकारी मिलती है जैसे कि बिजनेस को शुरू कैसे करें, उसकी मार्केटिंग और उसका मैनेजमेंट कैसे करें, शुरुआत में कौन सी जरुरी बातों का ध्यान रखना चाहिए, इत्यादि।
जैसे कि अगर आपका कोई छोटा सा व्यवसाय है और आप उसे एक बड़े से बिजनेस में तब्दील करना चाहते हैं तो इससे जुड़ी सारी जानकारी आपको बिजनेस स्टडीज से मिलेगी। बिजनेस से संबंधित सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने में यह विषय काफी अहम भूमिका निभाता है।
अर्थशास्त्र (Economics)
इस विषय में आपको पूरे देश की अर्थव्यवस्था कैसी है इसके बारे में पूरी विस्तार में बताया जाता है। जैसे कि अर्थव्यवस्था किसे कहा जाता है, यह किस आधार पर काम कर रही है, इसे और बेहतर कैसे बनाया जाए, इत्यादि से जुड़ी आपको संपूर्ण जानकारी मिलती है।
इकोनॉमिक्स का प्रयोग अर्थव्यवस्था को बरकरार रखने के साथ साथ समाज से जुड़े और भी कई प्रकार के विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है जैसे कि कानून, सामाजिक संस्थान अपराध, राजनीति, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवार, इत्यादि।
इंग्लिश (English)
कॉमर्स के मुख्य सब्जेक्ट में से एक है इंग्लिश जो 11th और 12th दोनो में ही पढ़ाई जाती है। इसमें व्याकरण और वोकैबलरी के साथ साथ सही तरह से अपनी बातें लोगों के सामने व्यक्त करना, इत्यादि बताया जाता है।
अगर आपको किसी अच्छी जगह नौकरी करनी है तो उसके लिए आपको अच्छी इंग्लिश आना बहुत जरूरी है क्योंकि समय के साथ इंग्लिश एक डिमांडिंग भाषा बनता जा रहा है। इसीलिए इंग्लिश सब्जेक्ट को कामर्स में शामिल किया गया है।
Optional Subject In Commerce
अभी हमने कॉमर्स के मुख्य सब्जेक्ट्स के बारे में जाना और अब हम आपको बताने वाले हैं कि आप कॉमर्स में ऑप्शनल सब्जेक्ट क्या-क्या ले सकते हैं। कॉमर्स में ऑप्शनल सब्जेक्ट (Optional subject) की सूची कुछ इस प्रकार है-
- फिजिकल एजुकेशन [ Physical Education ]
- गणित [ Mathematics ]
- कला [ Fine arts ]
- इनफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिसेज [ Informatics Practices ]
- एंटरप्रेन्योरशिप [ Entrepreneurship ]
- कंप्यूटर साइंस [ Computer science ]
- होम साइंस [ Home science ]
Mathematics
अगर अपने कॉमर्स फील्ड में करियर बनाने का सोचा है तो आपको मैथमेटिक्स आना बहुत ही जरूरी है। इसमें आपको व्यापार में आंकड़े को समझना और आसान भाषा में लोगों को समझाना सिखाया जाता है।
व्यापार में जितने भी कैलकुलेशन होते हैं जैसे कि लाभ और हानि निकालने, लाभ को कैसे बढ़ाया जाए और हानि को कैसे कम किया जाए, आदि सारे कैलकुलेशन आपको सिखाए जाते हैं।
Informatics Practices
IP एक टेक्नोलॉजी से जुड़ा सब्जेक्ट है जिसके अंतर्गत आपको सॉफ्टवेयर पर काम कैसे करते है और दुनिया भर में चल रहे सभी लेटेस्ट technologies के बारे में बताया जाता है। इसमें आपको नए तरह के सॉफ्टवेयर बनाना और उसे कैसे इस्तेमाल किया जाता है इसकी जानकारी दी जाती है।
इसमें आपको कोडिंग के अलावा कंप्यूटर में कौन-कौन सी लैंग्वेजेस है और कैसे काम करती है, ऑनलाइन मार्केटिंग, प्लानिंग, कंट्रोलिंग, इत्यादि सारी महत्त्वपूर्ण चीजे सिखाई जाती है जिससे टेक्नोलॉजी की मदद से आप अपने बिजनेस को बहुत आगे ले जा सकते हैं।
Additional Subject In Commerce
अभी तक हमने देखा कॉमर्स के 5 सब्जेक्ट (मुख्य विषय और ऑप्शनल सब्जेक्ट) के बारे में। इसके बाद भी अगर आपका कोई पसंदीदा सब्जेक्ट है जिसे आप कॉमर्स सब्जेक्ट के साथ पढ़ना चाह रहे हैं तो आप उसे additional subject के रूप में ले सकते हैं। Additional सब्जेक्ट लेने के बाद आपको पूरे 6 सब्जेक्ट्स पढ़ने होंगे कॉमर्स स्ट्रीम (commerce stream) में।
कॉमर्स सब्जेक्ट in Class 11th and 12th
दोस्तों, हमने नीचे ग्यारहवीं तथा बारहवीं में कॉमर्स के सारे विषयों के बारे में संक्षेप में बताया है जिससे आपको 11वीं और 12वीं में आपको कौन सा विषय लेना चाहिए यह समझने में आसानी होगी।
Class | Compulsory Subjects in Commerce | Optional Subjects In Commerce |
Class 11th |
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Class 12th |
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12th के बाद कॉमर्स में ट्रेडिशनल कोर्स
दोस्तों, अगर 12वीं के बाद आप कॉमर्स सब्जेक्ट (Commerce Subject) ही लेना चाहते हैं और इसमें अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि आगे कॉमर्स (Commerce) में UG, PG और Ph.D level तक बहुत बड़े बड़े कोर्स होते हैं जिन्हें करके आप लाखो कमा सकते हैं और अपना करियर सिक्योर (secure) कर सकते हैं। साथ ही इन कोर्स को चुनना भी आप पर ही निर्भर करता है। कॉमर्स सब्जेक्ट में 12th के बाद के कोर्सेज की सूचि निचे दी गई है|
- B.Com (Honours)
- B.Com (General)
- B.Com Accounting and Taxation
- B.Com Applied Economics
- B.Com Banking & Finance
- B.Com in Financial Marketing
- B.Com in Accounting
- B.Com Statistics
- Bachelors of Business Administration (BBA)
- Bachelor of Finance and Accounting (BFA)
- B.Com in Management Accounting & International Finance
- B.Com Marketing
- B.Com Tourism & Travel Management
- B.Com Business Administration
- Bachelor of Management Studies (BMS)
- Chartered Accountancy (CA)
- Cost And Management Accountant (CMA)
- Company Secretary (CS)
- Certified Financial Planner (CFP)
- Bachelor Of Law (LLB)
- Bachelor of Journalism and Mass Communication
- Bachelor of Vocational Studies
कॉमर्स सब्जेक्ट लेने के बाद जॉब ऑप्शन (Job Options)
कॉमर्स सब्जेक्ट (Commerce Subject) लेने के बाद आप करियर बनाने के लिए आगे पढाई भी कर सकते है या फिर अपने choice वाले किसी क्षेत्र में जॉब कर सकते है। कॉमर्स (Commerce) के बाद आपके पास अनेक जॉब ऑप्शंस होते हैं जैसे कि-
कॉमर्स सब्जेक्ट के लिए बेस्ट कॉलेज
- Christ University, Bangalore
- Loyola College, Chennai
- Shri Ram College for Commerce (SRCC), Delhi
- Hans Raj College, Delhi
- Xavier’s college, MUMBAI
- Stella Maris College, CHENNAI
- Lady Shri Ram College for Women (LSR), Delhi
- A. Podar College of Commerce and Economics, MUMBAI
- Symbiosis Society’s College of Arts & Commerce, PUNE
- Hindu College, NEW DELHI
निष्कर्ष (Conclusion)
दोस्तों, आज इस पोस्ट में हमने कॉमर्स सब्जेक्ट (Commerce Subject) के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है। आज हमने जाना कि कॉमर्स सब्जेक्ट (Commerce Subject) क्या है, कॉमर्स में कितने सब्जेक्ट होते है, कॉमर्स के सब्जेक्ट कौन कौन से हैं, कॉमर्स में क्या-क्या आता है, इत्यादि।
यदि आप और भी ऐसी जानकारी चाहते हैं तो हमारे वेबसाइट विजिट करते रहें और आपको यह पोस्ट कैसी लगी हमें कमेंट में बताना ना भूले।